जिनका वास्तविक नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था.
शक्ति और उपकार करने वाली कई घटनाएं हुईं.
जिन्होंने लोगों को धार्मिक उन्नति और दुखों से छुटकारा पाने में मदद की.
108 से ज्यादा हनुमान मंदिरों को बनवाया था.
जो उन्हें एक दिव्य पुरुष और कलियुग का हनुमान मानते हैं.
जैसे बिना बोले भक्तों का मन पढ़ लेना और असंभव लगने वाले कार्यों को संभव कर देना.
जो हनुमान जी की शक्तियों की तरह थे.
बताया और कहा कि मेरा पैर छूने के बजाय हनुमान जी के पैर छूना चाहिए.
और कहा कि इसे पढ़ने से जीवन में खुशहाली आती है.