सनातन धर्म में ईश्वर की पूजा करने की परंपरा रही है.



हर कोई अपने अनुसार भगवान की पूजा करता है.



कोई बैठकर तो कोई खड़े-खड़े भगवान की आराधना करता है.



ज्यादातर लोग भगवान की पूजा आसन पर बैठकर करते हैं.



लेकिन हर तरह के आसन पर बैठकर पूजा करना सही नहीं होता.



शास्त्रों के मुताबिक सूती के आसन पर बैठकर पूजा करने से घर में दरिद्रता आती है.



लकड़ी के आसन का इस्तेमाल करने से जीवन में परिश्रम बढ़ता है.



बिना आसन के पूजा करने से शोक बढ़ता है.



कुशा के आसन पर बैठकर पूजा करने से घर में समृद्धि आती है.