आर. प्रगनानंद ने एक बार फिर शतरंज के खेल में इतिहास रच दिया है

उन्होंने फिडे शतरंज विश्व कप टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बना ली है

ऐसा करने वाले वो केवल दूसरे भारतीय बन गए हैं

भारतीय ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रगनानंद की उम्र केवल 18 साल है

इनका जन्म 2005 में तमिलनाडु में हुआ था

इनके पिता बैंक में काम करते हैं

इनकी बड़ी बहन रमेशबाबू वैशाली के पास वुमन ग्रैंडमास्टर का खिताब है

बचपने से ही प्रगनानंद को शतरंज के खेल में रुचि थी

साल 2017 में उन्होंने पहली बार ग्रैंडमास्टर का टाइटल जीता था

फाइनल में प्रगनानंद का मुकाबला वर्ल्ड चैंपियन मैग्नस कार्लसन से हो रहा है