सनातन धर्म में संध्याकाल में भगवान की पूजा-अर्चना की जाती है.



दीप प्रज्वलित किया जाता है.



संध्याकाल साथ ही संध्याकाल में मुख्यद्वार पर



दीपक जलाने की भी परंपरा बहुत पुरानी रही है.



धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, संध्याकाल का दीपक



मुख्यद्वार के दाहिने तरफ रखना चाहिए.



मुख्यद्वार पर रखने वाला दीपक घी या तेल किसी का भी जला सकते हैं.



घी के दीपक में रुई की बाती का इस्तेमाल करना चाहिए.



वहीं तेल वाले दीपक में लाल धागे की बाती का इस्तेमाल करें.



ध्यान रखें कि मुख्यद्वार पर दीप जलाने के लिए



कभी भी खंडित दीपक का इस्तेमाल नहीं करें.