महाराष्ट्र में एक ऐसा किला मौजूद है जिसे मुगल से लेकर ब्रिटिश तक अपना कब्जा नहीं जमा सके थे

यह किले का नाम मुरुद-जंजीरा किला है जो महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में के मुरुद गांव में स्थित है

यह किला 40 फीट ऊंची दीवारों से घिरा है और अरब सागर में एक आइलैंड पर है

15 वीं सदी में राजापुरी के मछुआरों ने खुद को समुद्री लुटेरों से बचाने के लिए लकड़ी का किला बनाया

इस किले को बनाने के लिए मछुआरों के सरदार राम पाटिल ने अहमदनगर के सल्तनत के निजाम शाह से इजाजत मांगी थी

जिसके बाद 15 वीं सदी में इसका निर्माण अहमदनगर सल्तनत के मलिक अंबर की देखरेख में हुआ था

बाद में अहमदनगर सल्तनत के वजीर ने इस किले को खाली करने को कहा तो मछुआरों ने इसका विरोध कर दिया

फिर अहमदनगर के सेनापति पीरम खान इस किले पर कब्जा कर लिया

पीरम खान के बाद अहमदनगर सल्तनत के सेनापति बुरहान खान ने लकड़ी से बने किलो को तुड़वाकर यहां पत्थर से किला बनवाया

यह किला 22 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें 22 सुरक्षा चौकियां हैं

मुगल, ब्रिटिश सहित कई मराठा शासकों ने इसे जीतने का कोशिश किया था लेकिन किसी ने भी इस किले पर कब्जा नहीं कर पाया था

क्योंकि इस किले की सुरक्षा में 26 तोपों को तैनात किए गए थे

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