रजरप्पा में स्थित छिन्नमस्तिका मंदिर झारखंड का सबसे प्रसिद्ध शक्तिपीठ है



यह मंदिर रांची से लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित है



यहां मां छिन्नमस्तिका की पूजा की जाती है, जिनका सिर कटा हुआ है



इस मंदिर की मान्यता है कि मां यहां आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं



मंदिर का इतिहास 6000 साल पुराना बताया जाता है और इसे महाभारत कालीन भी माना जाता है



रजरप्पा में मां छिन्नमस्तिका के अलावा महाकाली सूर्य और अन्य प्रमुख मंदिर भी हैं



यह स्थान विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान भक्तों से भरा रहता है



मंदिर के आसपास स्थित दामोदर और भैरवी नदियां इसकी सुंदरता को और बढ़ाती हैं



यहां मां छिन्नमस्तिका की प्रतिमा में तीन आंखें और मुंडमाल से सुशोभित गला है



मंदिर की पौराणिक कथा अनुसार, मां ने अपनी सहचरियों के लिए अपना सिर काटा था, जिससे उनका रूप अस्तित्व में आया.