फिजिक्स के महान वैज्ञानिक न्यूटन ने भविष्यवाणी की थी कि साल 2060 में दुनिया नष्ट हो जाएगी



न्यूटन बचपन में बहुत सेंसिटिव थे. साल 1671 में न्यूटन ने रॉयल सोसायटी के सामने अपना रिसर्च पेपर रखा



यह रिसर्च पेपर श्वेत प्रकाश के स्पेक्ट्रम पर आधारित था. इसे लेकर रॉयल सोसायटी के सदस्य रॉबर्ट हुक से उनकी बहस हो गई



रॉबर्ट हुक से हुई बहस के दौरान न्यूटन अपनी निंदा बर्दाश्त न कर सके और उन्होंने खुद को एक बंद कमरे में किताबों के साथ कैद कर लिया



उन्होंने पारस पत्थर की खोज शुरू कर दी और जादू टोने से संबंधित किताबें पढ़ने लगा



न्यूटन के बंद कमरे में सीमित रहने के कारण उनका ध्यान विज्ञान से भटक गया



न्यूटन का इंटरेस्ट ज्योतिषी में बढ़ने लगे. इसी बीच उन्होंने प्रलय की तारीख की गणना की और अनुमान लगाया कि साल 2060 में दुनिया नष्ट हो जाएगी



न्यूटन को इस जादू टोने की दुनिया से बाहर निकालने वाले वैज्ञानिक का नाम था एडमंड हेली



हेली न्यूटन से मिलने आए और उनसे सवाल किया कि ग्रहों की कक्षा अंडाकार क्यों होती है



हेली के सवाल ने न्यूटन को जादू टोने की दुनिया से बाहर निकाला और इस तरह न्यूटन की वापसी हुई और वो दोबारा अपनी रिसर्च में लग गए



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