क्या आप जानते हैं कि मोहम्मद बिन कासिम की मौत कैसे हुई थी? इसके लिए आपको बड़ी रोचक कहानी जाननी होगी.



चचनामा के मुताबिक, राजा दाहिर की दो बेटियां थीं, जिनकों खलीफा के पास भेजा गया था. खलीफा का आदेश था कि दो-तीन रोज आराम करने के बाद दोनों को हरम में लाया जाए.



कुछ दिन बीते… खलीफा ने दोनों को हरम में बुलाया. खलीफा ने अपने अधिकारी से ये पता करने के लिए कहा था कि दोनों में से बड़ी बेटी कौन है, इसका पता लगाए जाए.



राजा दाहिर की बड़ी बेटी ने नाम बताया सूर्या देवी. चेहरे से नकाब हटाने के बाद उसकी खूबसूरती देखकर खलीफा दंग रह गया था.



खलीफा ने सूर्या देवी का हाथ पकड़ लिया और जैसे ही अपनी ओर खींचा तो उसने हाथ छुड़ा लिया.



हाथ छुड़ाकर बड़ी बेटी ने कहा कि, ‘बादशाह सलामत रहें, मैं बादशाह के काबिल नहीं हूं.’ राजा ने पूछा ऐसा क्यों?



सूर्या देवी ने जवाब दिया कि ऐसा इसलिए क्योंकि आदिल इमादुद्दीन मोहम्मद बिन क़ासिम ने दोनों बहनों को तीन दिनों तक अपने पास रखा था. उसके बाद खलीफा की खिदमत करने के लिए भेजा है.



ये सुनकर खलीफा आग बबूला हो गए थे. इसके बाद खलीफा लीद बिन अब्दुल मालिक ने बिन कासिम को एक संदेश जारी किया. संदेश में लिखा था कि उसे एक संदूक में बंद होकर हाजिर होना है.



मोहम्मद बिन कासिम के पास जब ये संदेश पहुंचा तो उस समय वो अवधपुर में था. क्योंकि खलीफा का आदेश था तो उसने पालन किया.



खलीफा के पास जाते समय दो दिनों के अंदर ही उसका दम निकल गया और संदूक में बंद लाश खलीफा के दरबार में पहुंच गई.



इतिहासकारों का कहना है कि राजा जाहिर की बेटियों के साथ मोहम्मद बिन कासिन में जो किया वो उनका बदला था. मुहम्मद बिन कासिम उमय्यद खलीफा की सेवा में एक अरब सैन्य कमांडर था.