भारत में मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है कि उन्हें हिंदुओं के मुकाबले ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है



Gallup ने एक सर्वे किया है, जिसमें भारत की हिंदू-मुस्लिम आबादी से बात करके एक रिपोर्ट तैयार की गई है



सर्वे में मुस्लिम और हिंदुओं से उनके रहन-सहन, खान-पीन और इनकम को लेकर सवाल किया गया कि आजादी के बाद इसमें किस तरह से बदलाव आया है



सर्वे रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2021 में 51 फीसदी मुस्लिमों का कहना है कि उनका रहन सहन और ज्यादा बदतर होता जा रहा है



39 फीसदी हिंदुओं का भी यही मानना है कि उनके रहन-सहन का स्तर नीचे गिरता जा रहा है, जिसकी वजह उन्होंने आर्थिक तंगी बताई है



सर्वे के मुताबिक, साल 2018 से 2019 के बीच हिंदू और मुस्लिमों के रहन सहन में सबसे ज्यादा कमी दर्ज की गई. इन दो सालों में बदतर तरीके से जीवन बसर करने वालों की संख्या में सबसे ज्यादा इजाफा देखा गया



2018 में 25 और 2019 में 45 फीसदी मुस्लिम ऐसा मानते थे, जबकि 2018 में 18 और 2019 में 37 फीसदी हिंदुओं ने ऐसी चिंता जताई



मुस्लिम और हिंदू लोगों का कहना है कि उनके लिविंग स्टैंडर्ड में कमी आने की वजह आर्थिक तंगी है



साल 2021 में 71 फीसदी मुस्लिम और 64 फीसदी हिंदुओं ने कहा कि उनकी फैमिली इनकम में घर चलाना और रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना मुश्किल हैं



साल 2021 में मुस्लिम और हिंदू भोजन की समस्या से भी जूझ रहे थे. 55 फीसदी मुस्लिम और 48 फीसदी हिंदू ने कहा कि बीते समय में वे एक टाइम का खाना भी नहीं खा पाते थे



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