भारत और बांग्लादेश ने द्विपक्षीय व्यापार डॉलर के बदले रुपये (Indian Rupee) में करने का फ़ैसला किया है. बांग्लादेश बैंक ने यह जानकारी दी है.



माना जा रहा है कि अभी दोनों देशों की मुद्रा की क़ीमत डॉलर की क़ीमत में उतार-चढ़ाव के आधार पर ही तय होगी. हालांकि, व्यापार में आसानी के लिए दोनों देशों के बैंकों को एक समझौता करना होगा.



बांग्लादेश बैंक के कार्यकारी निदेशक और प्रवक्ता मेजबाऊल हक़ का कहना है कि रुपये में कारोबार की प्रक्रिया में 6 महीने का समय लग सकता है. इसके शुरू होने के बाद ही उन्हें इसकी सुविधा और दिक्क़त समझ में आएंगी.



भारत और बांग्लादेश दोनों देशों के व्यापारियों और नियमित यात्रियों का दावा है कि टका और रुपये में व्यापार होने से दोनों देशों को फायदा होगा.



कई इकोनॉमिक एक्सपर्ट्स ये भी कह रहे हैं कि बांग्लादेश और भारत के बीच व्यापार घाटा ज़्यादा होने के कारण रुपये में लेन-देन में बांग्लादेश को नुकसान हो सकता है.



कुछ जानकारों का कहना है कि रुपये को अभी वैश्विक मुद्रा के तौर पर स्वीकृति नहीं मिली है, इसलिए डॉलर के मुक़ाबले भारतीय मुद्रा की क़ीमत में बार-बार उतार-चढ़ाव आएगा, जिसका असर बांग्लादेश के साथ लेन-देन पर पड़ेगा.



रूस-यूक्रेन युद्ध के असर से अमेरिकी डॉलर की क़ीमत में काफ़ी तेज़ी आई है. दबाव कम करने के लिए बांग्लादेश और भारत सीधे टका और रुपये के ज़रिए आयात-निर्यात करने जा रहे हैं.



व्यापारियों को उम्मीद है कि भारत के साथ आपसी व्यापार के मामले में इस तरीक़े के लागू होने पर काफ़ी कम समय में लेनदेन करना संभव होगा.



एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि बांग्लादेश से भारत आने वाले या भारत से किसी वस्तु का आयात करने वाले बैंकों की ओर से तय दर के मुताबिक़ टका (बांग्लादेशी मुद्रा) जमा कर सकेंगे.



इसी तरह कोई भी भारतीय बांग्लादेश के दौरे या बांग्लादेश से आयात की स्थिति में भारतीय रुपये में क़ीमत जमा कर सकेगा.



बताया जा रहा है कि अपनी मुद्रा में लेन-देन की यह पहल एक दशक पहले ही की गई थी, लेकिन ये विभिन्न जोखिमों के कारण अटकी रही. अब यह आगे बढ़ रही है.