1857 के विद्रोह ने अंग्रेजों को पूरी तरह हिला कर रख दिया

इसके बाद भी अंग्रेजों ने 1859 के आखिर तक देश पर दोबारा नियंत्रण पा लिया

अब वे पहले वाली नीतियों के सहारे शासन नहीं चला सकते थे

शासन चलाने के लिए अंग्रेजों ने अहम बदलाव किए

ब्रिटिश संसद ने 1858 में एक नया कानून पारित किया

इस कानून को ईस्ट इंडिया कंपनी और ब्रिटिश साम्राज्य को सौंप दिए

ताकि भारतीय मामलों को ज्यादा बेहतर ढंग से संभाला जा सके

ब्रिटिश मंत्रिमंडल के एक सदस्य को भारत मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया

उसे भारत के शासन से संबंधित मामलों को संभालने का जिम्मा सौंपा गया

उसे सलाह देने के लिए एक परिषद का गठन किया गया जिसे इंडिया काउंसिल कहा जाता था

इसके साथ ही अंग्रेज सरकार ने भारत के शासन की जिम्मेदारी सीधे अपने हाथों में ले ली