18वीं सदी के मध्य से ही राजाओं और नवाबों की ताकत छीनने लगी थी

उनकी सत्ता और सम्मान दोनों खत्म होता जा रहा था

बहुत सारे दरबारों में रेजिडेंट तैयार कर दिए गए थे

स्थानीय शासकों की स्वतंत्रता घटती जा रही थी

उनकी सेनाओं को भंग कर दिया गया था

उनके राजस्व वसूली के अधिकार और इलाके एक-एक कर छीने जा रहे थे

बहुत सारे स्थानीय शासकों ने अपनी रक्षा के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी से बात की

कंपनी ताकत के नशे में चूर इन निवेदनों को ठुकरा दिया

कंपनी ने 1856 में अवध को भी अपने कब्जे में ले लिया

इस तरह 1856 में गवर्नर जनरल डलहौजी ने ऐलान कर दिया कि बहादुर शाह जफर आखिरी मुगल बादशाह होंगे

उनके मृत्यु के बाद उनके किसी भी वंशज को बादशाह नहीं माना  जाएगा

उन्हें केवल राजकुमार के रूप में मान्यता दी जाएगी