पाकिस्तान में सैकड़ों भारतीय नागरिकों को कैद कर जेलों में रखा गया है.



पाकिस्तान में बहुत-से भारतीय ऐसे हैं, जिन्हें सजा पूरी होने के बाद भी नहीं छोड़ा गया.



एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने सजा पूरी करने के बाद भी 400 से ज्यादा भारतीयों को गैरकानूनी तरह से अपनी कैद में रखा हुआ है.



हाल में ही पाकिस्तान की जेल में एक और भारतीय मछुआरे की मौत हो गई. बीते दो महीने में यह चौथी घटना थी.



मामला 28 मई का है. पाक में भारतीय मछुआरे बालू जेठा ने अपनी सजा पूरी कर ली थी और उसे रिहाई का इंतजार था.



मगर, बालू जेठा के बजाय पाकिस्तान से उसकी मौत की खबर आई.



इससे पहले 4 अप्रैल को विपन कुमार, 6 मई को जुल्फिकार और 8 मई को सोमा देव नाम के मछुआरों की भी मौत हो गई थी.



कॉन्सुलर एक्सेस 2008 पर समझौते की धारा 5 के मुताबिक, दोनों देशों की सरकारों को सजा पूरी होने के एक महीने के अंदर कैदियों को रिहा करके उनके देश वापस भेजना होता है.



वियना संधि के आर्टिकल-36 के मुताबिक, जब किसी विदेशी नागरिक को गिरफ्तार किया जाता है तो जांच और हिरासत में रखे जाने के दौरान कैदी को कॉन्सुलर एक्सेस देना जरूरी होता है.



मगर, पाकिस्तान समझौते का पालन नहीं करता. कई भारतीय कैदियों को सजा पूरी होने पर भी नहीं छोड़ा गया, उनकी वहीं मौत हो गई.



पाकिस्तान की जेल में भारतीयों को बहुत यातनाएं झेलनी पड़ती हैं. उन्हें समय पर खाना नहीं मिलता. खाना मांगने पर जमकर पीटा जाता है.