देश और दुनिया भर में ईश्वर और धार्मिक जगहों को लेकर लोगों की अपनी-अपनी मान्यताएं हैं



इसी तरह इस्लाम में हज बेहद खास है. हर साल दुनियाभर के मुसलमान सऊदी अरब के मक्का शहर में हज के लिए जाते हैं



इस्लाम में हज को मुसलमानों पर फर्ज बताया गया है. आज जानते हैं कि क्या हज करने से सारे गुनाह माफ हो जाते हैं



इस पर इस्लामिक स्कॉलर मुफ्ती तारिक मसूद का कहना है कि सिर्फ हज पर जाकर दुआ मांगने से गुनाह माफ नहीं होते



गुनाह माफ हों उसके लिए खुद में परिवर्तन और सुधार लाने होते हैं और अपनी गलतियों को दोहरना नहीं होता है



इस्लाम धर्म में हज पर जाकर दुआ मांगना बहुत पवित्र माना जाता है



लोग बहुत मन और आस्था से इस वार्षिक एवं धार्मिक पर्व में शामिल होने का इंतजार करते हैं



हज पर जाने के लिए लाखों रुपये खर्च होते है जिसकी वजह से शारीरिक और आर्थिक रूप से संपूर्ण लोग ही जा पाते हैं



मुफ्ती तारिक मसूद ने यह भी बताया कि हज पर जाने के लिए अपने सारे एसो-आराम की कुर्बानियां देनी पड़ती हैं



इस्लाम में मुसलमानों के लिए मौजूद पांच फर्ज में हज भी शामिल है



हज के अलावा इस्लाम के चार फर्ज नमाज, रोजा, कलिमा और जकात हैं