अबॉर्शन के लिए किसकी लेनी होती है इजाजत?

भारत में अबॉर्शन के लिए इजाजत लेने के नियम MTP एक्ट के तहत निर्धारित होते हैं

20 हफ्तों तक की प्रेग्नेंसी के लिए, एक रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर की अनुमति पर्याप्त होती है

20 से 24 हफ्तों तक की प्रेग्नेंसी के लिए, दो रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर्स की अनुमति आवश्यक होती है

24 हफ्तों से अधिक की प्रेग्नेंसी के लिए, मेडिकल बोर्ड की सलाह पर कोर्ट से अनुमति लेनी पड़ती है

अबॉर्शन की अनुमति तब दी जाती है जब प्रेग्नेंसी महिला की जान को खतरे में डाल सकती है

अविवाहित महिलाओं को भी अबॉर्शन की अनुमति दी जाती है, बशर्ते वे कानूनी शर्तों को पूरा करती हों

पति या परिवार की अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है, महिला की सहमति ही पर्याप्त होती है

कोर्ट के आदेश के बिना गैरकानूनी तरीके से अबॉर्शन कराने पर सजा हो सकती है

अबॉर्शन के लिए महिला की मानसिक और शारीरिक स्थिति का ध्यान रखा जाता है