आपने देखा होगा कि बिजली के प्लग में तीन पिन होती है

दो पिन का आकार बराबर होता है

लेकिन तीसरी पिन का छेद थोड़ा बड़ा होता है

इस पिन को एक हरे रंग के तार से जोड़ दिया जाता है

इस तार को अर्थ का तार कहते हैं

तीसरी पिन में सामान्य स्थितियों में बिजली की धारा नहीं बहती है

इस हरे तार का एक सिरा बिजली के उपकरण से जुड़ा होता है

हर रंग के तार वाला पिन प्लग के जरिए जिस प्वाइंट से जुड़ता है

उसे अर्थिंग या पृथ्वी से जोड़ देता है

इसे इलेक्ट्रिक ग्राउंडिंग भी कहते हैं