दुनिया में कई ऐसी जगहें है जहां मौत का बसेरा है

 ऐसी ही एक झील है अफ्रीका के कैमरून में

 इसे पूरी दुनिया में द बैड लेक के नाम से जाना जाता है

 अफ्रीका की लोकल भाषा में इसे न्योस झील कहा जाता है

 हालांकि इस झील एक ज्वालामुखी के क्रेटर पर बनी है

 क्रेटर पर बनने के कारण इसमें कार्बन डाइऑक्साइड मात्रा ज्यादा पाई जाती है

कार्बन डाइऑक्साइड गैस ही मौत का कारण बनती है, इसलिए इसे मौत की झील भी कहते हैं

दरअसल, 21 अगस्त 1986 को इस झील के अंदर कार्बन डाइऑक्साइड गैस के कारण  विस्फोट हुआ

इसके बाद ये गैस पूरी तरह से फैल गई इस वजह से यहां एक साथ 1746 लोगों की मृत्यु हो गई

इसके साथ लगभग 3.5 हजार जानवरों की भी मृत्यु हो गई

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