मुगल बादशाह शाहजहां ने तख्त-ए-ताऊस को बनवाया था

शाहजहां ने 1627 में मुगल साम्राज्य की गद्दी संभाली

इसके बाद उन्होंने तख्त-ए-ताऊस बनवाने का हुक्म दिया

सबसे पहले ये तख्त आगरा के किले में रखा था

शाहजहां ने वर्ष 1638 में मुगल साम्राज्य की राजधानी आगरा से बदल कर दिल्ली कर दी

जिसके बाद इस तख्त को दिल्ली के लाल किला में रख दिया गया

इसके पिछले हिस्सों में दो नाचते हुए मोर लगे हैं

इसलिए इसका नाम मयूर सिंहासन पड़ा

इस तख्त की लंबाई 13 गज थी

इसमें एक से बढ़कर एक बेशकीमती हीरे - जवाहरात लगे थे