भारत की हर राज्य की जेल के अलग नियम है

दिल्ली जेल मैनुअल के मुताबिक, कैदी कितने भी लेटर लिख सकता है

उसका ये अधिकार होता है

हालांकि, इसके लिए उसे जेल से खर्च नहीं मिलेगा

जेल में कैदी अपने खर्चे से लेटर लिख सकता है

लेटर को बाहर भेजने से पहले उसे एक बार चेत भी किया जाता है

अगर कोई बात जेल की सुरक्षा की खिलाफ होती है

तो उसे लेटर को बाहर नहीं भेजा जाता है

गृहमंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हफ्ते में एक ही लेटर लिख सकता है

अंडरट्रायल कैदी को एक हफ्ते में दो चिट्ठी लिखने की इजाजत है