आबादी के लिहाज से दुनिया के दूसरे सबसे बड़े देश चीन में बहुत-से युवा इन दिनों मंदिर दर्शन कर रहे हैं.



रॉयटर्स के मुताबिक, चीन में 2022 की तुलना में मंदिर जाने वालों की संख्या में 310% का इजाफा हुआ है.



चीन में युवाओं के मंदिर जाने के पीछे की बड़ी वजह उनकी कामनाएं हैं...वो नौकरी पाना चाहते हैं.



चीन में मंदिर जाने वालों युवाओं में ज्यादातर ऐसे हैं जिनके पास काम धंधे या नौकरी नहीं है. वो भगवान से अरदास कर रहे हैं.



चीन में कोरोना के बाद इकोनॉमी सुस्त हो गई है. लॉकडाउन (जीरो कोविड पॉलिसी) के चलते वहां 1.16 करोड़ ग्रेजुएट्स बेरोजगार हो गए हैं.



चीन में बेरोजगारी इस कदर बढ़ी है कि युवा मास्टर्स करने के बाद भी खाना बांटने का काम कर रहे हैं.



स्टैटिस्टिक्स ब्यूरो के मुताबिक, चीन में 16 से 24 साल की उम्र के शहरी लोगों में बेरोजगारी फरवरी में 18.1% थी.



चीन में 16 से 24 साल की उम्र के शहरी लोगों में बेरोजगारी दर जुलाई 2022 में 19.9% पर पहुंच गई.



नौकरी की कमी के बीच चीन में युवा मंदिर शांति की उम्मीद में मंदिर जा रहे हैं.



नौकरियों के अभाव के बीच साल 2021 में चीन में 70000 से ज्यादा मास्टर डिग्री धारकों ने खाना बांटने का काम किया.



नौकरी के अभाव में लोग चीन में मंदिरों के दर जाकर मिन्नतें मांगते हैं. वहां बीजिंग के लामा मंदिर में रोज पूजा की जाती है.