1. क्रॉलर डोजर: ये भारी ट्रैक्टरनुमा मशीन ट्रैक्स पर चलती है और असमतल सतहों पर बेहतर ट्रैक्शन देती है. इसे आमतौर पर कंस्ट्रक्शन और माइनिंग कार्यों में इस्तेमाल किया जाता है.
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2. व्हील डोजर: पहियों पर चलने वाले ये डोजर तेज स्पीड और गतिशीलता के लिए जाने जाते हैं. ये मुख्य रूप से शहरी इलाकों के निर्माण कार्यों में उपयोग होते हैं.
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3. मिनी डोजर: ये आकार में छोटा और हल्का होता है, जिसे रेसिडेंशियल एरिया, नगर निगम और बिजली विभाग जैसे हल्के कामों में इस्तेमाल किया जाता है.
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एंगल डोजर: ये मटेरियल को बाईं या दाईं दिशा में घुमाकर ले जाने के लिए ग्रेडिंग ऑपरेशनों में काम आते हैं.
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पुश डोजर: ये भारी मटेरियल को लंबी दूरी तक धकेलने के लिए बनाए गए होते हैं और इनका उपयोग भूमि सुधार परियोजनाओं में होता है.
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कोल यू-ब्लेड डोजर: ये कोयले से संबंधित कामों के लिए डिजाइन किया गया यह डोजर लूज़ मटेरियल को संभालने के लिए घुमावदार बड़े ब्लेड के साथ आता है.
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भारत में मिनी डोजर की कीमत 10–30 लाख के बीच होती है, जबकि क्रॉलर डोजर 30 लाख से 1 करोड़ या उससे ऊपर तक जाते हैं.