पोप फ्रांसिस के निधन के बाद अब ईसाई धर्म अनुसार उनका
अंतिम संस्कार किया जाएगा.


पोप फ्रांसिस को रोम में सांता मारिया मैगीगोर
बेसिलिका में दफनाया जाएगा.


पोप के निधन के बाद उनकी अंगूठी तोड़ने की परंपरा
सालों से चली आ रही है.


दरअसल ये अंगूठी पोप के पद का प्रतीक है, जो वेटिकन में
उनके आधिकारिक अधिकार को दिखाती है.


पोप अंगूठी को मोम पर दबाकर आधिकारिक दस्तावेज
पर मंजूरी का प्रतीक देते थे.


मध्य युग में आधिकारिक दस्तावेजों पर मोम की सील
लगाई जाती थी लेकिन अब ये औपचारिक अवसर पर किया जाता है.


दरअसल अंगूठी तोड़ना पोप के शासन का अंत का
प्रतीक होता है.


अंगूठी को काटकर या हथौड़े से तोड़कर नष्ट किया जाता है
ताकि इसका दोबार उपयोग न हो.