शास्त्रों में ध्वनि (नाद) को अत्यंत शक्तिशाली माना
गया है.


घर या मंदिर में ताली बजाकर ईश्वर की पूजा की जाती है.
दरअसल इससे एक विशेष प्रकार की ध्वनि उत्पन्न होती है.


ताली बजाने से वातावरण में कंपन उत्पन्न होता है.



इससे नकारात्मक शक्तियां और असूरी ऊर्जा दूर होती है.



तीन बार ताली बजाना शिव मंदिर में एक महत्वपूर्ण
धार्मिक और आध्यात्मिक प्रथा है.


दरअसल ताली बजाने की परंपरा ब्रह्मा, विष्णु और
महेश के आह्वान से जुड़ी हुई है.


ताली बजाना त्रिदेव को नमन करने का प्रतीक माना
जाता है.


तीन बार ताली बजाने से उनके शिव के त्रिगुणात्मक स्वरूप
सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण की उपासना होती है. ऐसी मान्यता है.