आज के दौर में प्रेत आत्माओं का भटकना लोगों को ये सोचने
पर विवश कर देता है कि क्या वाकई कोई ऐसा साया होता है.


गरुड़ पुराण के अनुसार कुछ विशेष परिस्थितियों में
आत्माएं प्रेत या भूत बनकर भटकती है.


दरअसल अकाल मृत्यु, आत्महत्या, या अधूरी इच्छाओं
के साथ मरने वाली आत्माएं अक्सर प्रेत योनि में प्रवेश करती हैं.


कहा जाता है कि ऐसी आत्मा मृत्युलोक में अपनी इच्छा
पूर्ति के लिए भटकती रहती है.


कहते हैं कि अधर्मी,पापी, मानसिक तौर पर कमजोर
लोगों को ऐसी आत्माओं की तलाश रहती है.


ऐसे लोगों के व्यवहार, भावनाओं और विचारों में अजीब
सा बदलाव देखने को मिलता है. जो सामान्य नहीं होता.


नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति पाने के लिए हवन, पूजन और
तमाम तरह के उपाय किए जाते हैं.


कहते हैं जिन घरों में रोजाना सुबह-शाम पूजा होती है, दीपक
जलता है वहां नकारात्मक ऊर्जा का वास नहीं होता.