सीता का जन्म कोई सामान्य घटना नहीं,

बल्कि दिव्य संकेत था.

सीता पृथ्वी पुत्री थीं, इसलिए उनका जन्म

प्रकृति-शक्ति का संदेश देता है.

सीता धरती से जन्म लेकर

धरती में ही विलीन हो गई.

सीता का अवतरण कई उद्देश्यों को

पूरा करने के लिए भी हुआ था.

सीता के जन्म के साथ धर्म की पुनर्स्थापना व

अर्धम के विनाश की प्रक्रिया शुरू हुई.

कहा जाता है कि, लक्ष्मी जी के अवतार के रूप में

सीता पृथ्वी पर अवतरित हुईं.

जिससे कि वह आगे चलकर श्रीराम के संग मिलकर

राक्षसी शक्तियों का अंत कर सके.

सीता के अवतरण का मुख्य उद्देश्य धर्म की रक्षा,

स्त्री शक्ति की स्थापना और रावण वध था.