ज्येष्ठ अमावस्या पर सोमवार 26 मई को वट सावित्री व्रत है.



वट सावित्री व्रत के दिन वट यानि बरगद पेड़ की पूजा की जाती है.



मान्यता है कि इसी वृक्ष के नीच सावित्री ने पति सत्यवान के प्राण पाए थे.



लेकिन आसपास बरगद का वृक्ष उपलब्ध न हो तो क्या करें.



क्या कोई तरीका या विकल्प है कि, वट वृक्ष के बिना यह पूजा की जा सके.



वट वृक्ष न हो तो आप कहीं से इसकी डाली मंगवाकर भी पूजा कर सकती हैं.



वट वृक्ष टहनी को मिट्टी वाले गमले में लगाकर भी पूजा की जा सकती है.



इसके अलावा आप तुलसी के पास बैठकर भी पूजा कर सकती हैं.



याद रखें श्रद्धाभाव के की गई हर पूजा सफल और व्रत पूर्ण होते हैं.