हमारे धर्म शास्त्रों में ज्ञान का अथाह भंडार है.

शास्त्रों के ज्ञान से सफल और सुखी जीवन जीने के सूत्र मिलते हैं.

कई सूत्रों में एक है- 'सत्यं वद धर्मं चर'.

'सत्यं वद धर्मं चर' का अर्थ है- सत्य बोलो और धर्म का पालन करो.

शास्त्रों की यह शिक्षा तैत्तिरीय उपनिषद् की है, जिसका पूर्ण रूप इस प्रकार है-

सत्यं वद धर्मं चर स्वाध्यायान्मा प्रमदः, आचारस्य प्रियं धनमाहृत्य प्रजातन्तुं मा व्यवच्छेत्सीः

इस श्लोक का अर्थ है- सच बोलो, धर्म का पालन करो, स्वाध्याय में आलस्य न करो.

अच्छे कर्मों से कभी विचलित मत हो, गुरु को जो भी प्रिय हो उसे धन देकर संतान उत्पन्न करना मत छोड़ो.

शास्त्र का यह सूत्र हमें महत्वपूर्ण मूल्यों का पालन करने के लिए प्रेरित करता है.