अपराजिता फूल का रंग नीला या सफेद होता है.
यह पुष्प विशेष रूप से देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है.


यह मां दुर्गा और मां काली की उपासना में उपयोगी माना जाता है.
अपराजिता का अर्थ है जिसे पराजित नहीं किया जा सके.


यह विजय, शक्ति और आत्मबल का प्रतीक है.
अपराजिता फूल को तंत्र साधना में विशेष स्थान प्राप्त है.


इसे मंगलवार और शनिवार को पूजा में चढ़ाना शुभ माना जाता है.
नवरात्रि में इसकी पूजा करने से साधक को अपार शक्ति प्राप्त होती है.


इस फूल से देवी की विशेष कृपा मानी जाती है.
ज्योतिष में इसे नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने वाला माना गया है.


यह राहु-केतु और शनि दोष को शांत करने में सहायक है.
घर में अपराजिता का पौधा लगाने से वास्तु दोष दूर होते हैं.


यह घर में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है.
इसे गंगाजल से धोकर देवी को अर्पित करना शुभ होता है.


इसकी माला बनाकर देवी को चढ़ाने से मनोकामना पूर्ण होती है.
अपराजिता की जड़ को ताबीज में पहनने से नजर दोष दूर होता है.


यह विद्यार्थियों और साधकों के लिए विशेष लाभकारी मानी जाती है.
इसे शुद्धता और भक्ति का प्रतीक भी माना जाता है.


यह मानसिक शांति और आत्मिक उन्नति में सहायक है.
धार्मिक ग्रंथों में इसे पवित्र और पूजनीय पुष्प के रूप में वर्णित किया गया है.