नौ ग्रहों में शनि सबसे महत्वपूर्ण और शक्तिशाली ग्रह हैं. ज्योतिष में इन्हें क्रूर और पापी ग्रह भले ही कहा गया हो, लेकिन शनि देव कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं. ज्योतिष में शनि को नौ ग्रहों में सातवां ग्रह बताया गया है. जो दुख, रोग, पीड़ा, लोहा, कर्मचारी, सेवक और आयु आदि के कारक हैं. सूर्य, चंद्रमा और मंगल ग्रह के साथ शनि की शत्रुता है. सूर्य शनि के पिता है. लेकिन इसके बाद भी सूर्य और शनि में शत्रुता है. चंद्रमा और शनि के एक दूसरे के विपरीत होने के कारण इनमें शत्रुता है. वहीं मंगल के साथ शनि की मित्रता और शत्रुता दोनों है.