इस्लाम में दुआ या प्रार्थना एक प्रकार से आध्यात्मिक अभ्यास है.

दुआ के माध्यम से मुसलमान अल्लाह से जुड़ते हैं.

कुरान के अनुसार, अल्लाह ने कहा है ‘तुम्हारे रब ने कहा मुझे पुकारो और मैं तुम्हें जवाब दूंगा’.

कहते हैं सच्ची दुआओं में बहुत शक्ति होती है और यह जरूर पूरी होती है.

इस्लाम में उन 5 रातों के बारे में बताया गया है, जिसमें दुआ कबूल होती है.

आइए जानते हैं कौन सी है वो 5 रातें जिसमें दुआ नहीं होती खारिज.

रजब की पहली रात, शाबान की मध्य रात यानि शब-ए-बारात की रात,

शुक्रवार की रात, अल-फितर की रात और अल अजहा की रात.

इस्लामिक के अनुसार इन रातों में की गई दुआ अल्लाह कबूल करते हैं.