पितरों के श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण के लिए पितृपक्ष की अवधि श्रेष्ठ होती है.

बता दें कि इस साल पितृपक्ष 7 से 21 सितंबर 2025 तक चलेंगे.

पितृपक्ष या श्राद्ध पक्ष में किए तर्पण से पितृ प्रसन्न और तृप्त होते हैं.

इसलिए इस दौरान हर व्यक्ति को अपने मृत पूर्वजों का तर्पण जरूर करना चाहिए.

लेकिन पंडित न मिल पाए या आप विशेष स्थान पर नहीं जा पाएं तो घर पर भी तर्पण कर सकते हैं.

इसके लिए तर्पण करने के स्थान पर गंगाजल छिड़क कर दीप जला लें.

पितृ की तस्वीर स्थापित कर पितृ देव के मंत्रों का उच्चारण करें.

कुश की जूड़ी लेकर जल वाले कलश में डालकर पितरों का नाम लेते हुए जल चढ़ाएं.

तर्पण के दौरान मंत्र का जाप करें और पिंड बनाकर कुश पर रखकर जल से सींचे.

अब पितरों को भोजन अर्पित करें और श्रद्धांजलि देकर पशु-पक्षियों को भोजन कराएं.