अंक शास्त्र के अनुसार सभी अंकों की अपनी विशेषताएं होती हैं.



इसी तरह ‘4’ को सनातन धर्म का प्रमुख अंक माना जाता है.



4 अंक सिद्धांत, संस्कृति, आध्यात्मिकता और जीवन के विभिन्न पहलुओं से जुड़ा है.



आइये प्रमाण के साथ जानते हैं हिंदू धर्म में 4 अंक की विशेषता.



चार युग- सतयुग, त्रेता युग, द्वापर युग और कलयुग.



धर्म और ज्ञान के मूल स्त्रोत (4 वेद)- ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद.



हिंदू धर्म की चार नीति- साम, दाम, दंड और भेद.



चार पुरुषार्थ- धर्म (नैतिकता), अर्थ (समृद्धि), कर्म (काम) और मोक्ष (मुक्ति)



4 धाम और 4 दिशा- बद्रीनाथ (उत्तर), रामेश्वरम (दक्षिण), जगन्नाथ पुरी (पूर्व), द्वारका (पश्चिम).



चार आश्रम - ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास.



चार बेला- प्रात:काल, दोपहर, संध्याकाल और रात्रिकाल