गरीबी ऐसी अवस्था है जिसमें व्यक्ति अपनी मूलभूत आवश्यकता को भी पूरा नहीं कर पाता.

शास्त्रों के अनुसार अशुभ कर्मों के फल से भी दरिद्रता का सामना करना पड़ता है.

कई बार मनुष्य द्वारा जाने-अनजाने में की गई गलती ही गरीबी का कारण बनती है.

इसलिए समय रहते कुछ बुरी आदतों का त्याग कर देना चाहिए.

शास्त्र के अनुसार- अपव्ययी सदा निर्धनः यानी अपव्ययी हमेशा निर्धन रहता है.

इसलिए व्यक्ति को सोच-समझकर ही धन का खर्च करना चाहिए.

जुआ, नशा और गलत संगति की आदत रईस भी निर्धन बना देती है.

पाप या छल से कमाया गया धन भी अधिक समय तक पास नहीं रुकता.

मेहनत से भागने और भाग्य भरोसे बैठे रहने वाले भी तरक्की नहीं कर पाते.