प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थान को शुद्ध करें.
देवी की प्रतिमा या चित्र को फूलों से सजाएं.


मां शैलपुत्री को अक्षत, रोली, चंदन, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें.
मां शैलपुत्री के मंत्र का जप करें.


माता की आरती करें और प्रसाद वितरित करें.
देवी दुर्गा का प्रथम स्वरूप मानी जाती हैं.


मां शैलपुत्री को सफेद रंग अत्यधिक प्रिय है.
इस दिन सफेद या हल्के रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है.


उनकी पूजा से मन को स्थिरता और मानसिक शांति मिलती है.
यह पूजा पारिवारिक सुख और सौभाग्य को बढ़ाती है.


मां शैलपुत्री को अक्षत, रोली, चंदन, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें.
माता की आरती करें और प्रसाद वितरित करें.


नवरात्रि के इस दिन उनकी साधना करने से नवग्रहों के दोष भी शांत होते हैं.
मां शैलपुत्री की कृपा से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है.


मां शैलपुत्री की उपासना से जीवन में सफलता मिलती है.
इससे सभी संकट दूर हो जाते हैं.


यह पूजा करने से जीवन में शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
साथ ही आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है.


इस पूजा से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.
साथ ही करियर और आर्थिक स्थिति में भी सुधार होता है.