अक्षय तृतीया का दिन खरीदारी और मांगलिक
कार्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है.


इस दिन किए गए कार्य का अक्षय पुण्य मिलता है.
अक्षय यानी जो फल कभी खत्म नहीं होता है.


अक्षय तृतीया इस साल 30 अप्रैल 2025 को
है. इसे आखा तीज कहते हैं.


सालभर में अक्षय तृतीया सिर्फ एक ही बार वैशाख माह
के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आती है.


बांके बिहारी के चरण पूरे साल पोशाक में छिपे रहते हैं.
उनके चरणों के दर्शन केवल अक्षय तृतीया पर मिलते हैं.


अक्षय तृतीया के दिन अबूझ मुहूर्त रहता है, ऐसे में बिना
कोई मुहूर्त देखे सारे मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं.


अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने से मां लक्ष्मी का आशीष
मिलता है, सोना नहीं खरीद पा रहे हैं तो पीतल के बर्तन खरीदें.


अक्षय तृतीया पर विवाह करने से दंपत्ति को तमाम सुखों
की प्राप्ति होती है, ऐसी मान्यता है.