दोपहर के समय हनुमान जी की पूजा नहीं की जाती है.



ऐसा माना जाता है कि दोपहर का समय काल रहित होता है.



दोपहर के समय को राहुकाल या गुलिकाल कहा जाता है.



इस समय पूजा, शुभ कार्य या महत्वपूर्ण कार्य करना अशुभ माना जाता है.



इसलिए, दोपहर में हनुमान जी की पूजा नहीं की जाती.



रामायण के मुताबिक, लंका के राजा विभीषण ने हनुमान जी से उनके साथ ही रहने का निवेदन किया था.



हनुमान श्री राम के बिना कहीं नहीं रह सकते थे.



इसलिए उन्होंने लंका में रहने से मना कर दिया था, लेकिन उन्होंने विभीषण को एक वचन देते हुए कहा था



वह नियमित रूप से दिन में दोपहर के समय लंका आएंगे और संध्या के समय वापस चले जाएंगे.



शाम के समय हनुमान जी लंका से लौट कर आ जाते हैं, इसलिए शाम के समय हनुमान जी की पूजा करना फलदायी होता है.



हनुमान जी की पूजा पूरे विधि-विधान करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें.