सिखों के नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर का मुगलों ने सिर कलम कर दिया था



आइए सिख गुरु तेग बहादुर की शहादत के बारे में आज आपको विस्तार में बताते हैं



22 नवंबर 1675, जब पूरी दिल्ली दहशत में थी और हिंदुओं को मुसलमान बनने कहा जा रहा था



और जो लोग इस्लाम स्वीकार नहीं कर रहे थे उन्हें मारा जा रहा था



और जब गुरु तेग बहादुर ने इन सब चीजों को रोकने का प्रयास किया



तो उन्हें औरंगजेब ने 22 नवंबर को शिश कलम कर उनके, पवित्र पार्थिव शरीर के चार टुकड़े करके



उसे दिल्ली के चारों बाहरी गेटों पर लटकाने का आदेश दे दिया था



तब गांव के ही निवासी वीर कुशल सिंह दहिया ने अपना सिर काटकर मुगल सैनिकों को दे दिया



तभी भाई जैता सिंह गुरु के शीश को लेकर पंजाब आ पाए थे



इसलिए आज भी इतिहास में गुरु तेग बहादुर के साथ वीर कुशल दहिया के बलिदान की कहानी भी बताई जाती है.