रत्न शास्त्र के अनुसार, हर ग्रह का एक विशिष्ट रत्न होता है,

और सही ज्योतिषीय नुस्खे के साथ इन रत्नों को धारण करने से जीवन में बाधाएं दूर हो सकती हैं.

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नीलम रत्न शनिदेव का रत्न है और यह शनि के

अशुभ प्रभावों को कम करने और शुभ प्रभावों को बढ़ाने के लिए पहना जाता है.

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यह रत्न शनि की महादशा,

साढ़ेसाती और ढैय्या के नकारात्मक प्रभावों से राहत मिलती है.

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यह जीवन में संघर्षों को कम कर सकता है और

व्यक्ति को सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ाने में मदद कर सकता है.

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ऐसा माना जाता है कि इस रत्न को पहनने से धन,

संपत्ति और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है.

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यदि सही तरीकों से धारण न किया जाए या आपका यह कुंडली के अनुसार न हो,

तो यह नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है.

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इसलिए, इसे किसी विशेषज्ञ की

सलाह के बाद ही धारण करना चाहिए.

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शनिवार के दिन नीलम रत्न को धारण किया जा सकता है और इसे सोना,

चांदी या पंच धातु में जुड़वाया जा सकता है.

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धारण करने से पहले इसे गाय के दूध,

शहद और गंगाजल के मिश्रण में शुद्ध किया जाता है .

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