छठ पूजा के तीसरे दिन अस्ताचलगामी यानी डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं.

कार्तिक शुक्ल षष्ठी को छठ व्रती कमर तक पानी में रहकर संध्या अर्घ्य देगी.

अन्य दिनों में सूर्योदय के समय उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है.

लेकिन छठ ऐसा पर्व है, जिसमें डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है.

मान्यता के अनुसार शाम में सूर्य अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं.

संध्या अर्घ्य में सूर्य की अंतिम किरण प्रत्यूषा को अर्घ्य दिया जाता है.

छठ में डूबते सूर्य को अर्घ्य देने से समस्याओं से मुक्ति मिलती है.

सूर्य षष्ठी पर 7 नवंबर को संध्या अर्घ्य शाम 5:32 पर दिया जाएगा.