आचार्य चाणक्य जो एक महान राजनीतिज्ञ थे



उन्होंने अपनी नीति में मुर्गे की एक बात से प्रेरणा लेने की बात कही है.



आइए जानते हैं, कि चाणक्य के इस कथन का क्या मतलब है.



चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को मुर्गे की तरह



हमेशा ब्रह्म मुहूर्त में यानी सुबह 4 से 5:30 बजे तक उठना चाहिए.



इससे कार्य आसानी से करने के लिए पर्याप्त समय बचेगा.



अगर आप सोचें तो जीवन की आधी समस्याएं, तो ऐसा करने से ही दूर हो जाएंगी



अगर सभी अपने आलस्य त्यागें और आगे बढ़ें



तो आपकी जिंदगी काफी हद तक आसान हो जाएगी.