भगवद गीता कहती है कि भावनात्मक संघर्ष को नजरअंदाज नहीं करें.



भगवद गीता के अनुसार आप यह शरीर नहीं, बल्कि एक आत्मा है.



बिना परिणाम की आशा किए बिना अपना काम करते रहें.



आपका ज्ञान ही आपको शुद्ध करता है.



अपने अंहकार और मोह को त्यागना सीखें.



अपने मन को नियंत्रण करना सीखें, नियमित ध्यान करने से मन को काबू किया जा सकता है.



हर चीज में ईश्वर वास करते हैं.



हर दिन किसी उद्देश्य के साथ जीना सीखें.



ईश्वर को प्रेम से कुछ भी अर्पण करो, वो सब कुछ स्वीकार कर लेते हैं.