आरती भगवान के प्रति प्रेम और श्रद्धा व्यक्त
करने का एक तरीका है.


देवी-देवता की पूजा के बाद आरती जरुर की जाती है. इसके
बिना पूजन,अनुष्ठान अधूरा माना जाता है.


आरती करते समय आंखें खुली रखकर भगवान की मूर्ति
को देखना चाहिए.


मान्यता है कि जब हम आरती करते हैं, तो देवता वहां
उपस्थित होते हैं.


ऐसे में ईश्वर पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. इससे हम
भगवान की ऊर्जा और आशीर्वाद को महसूस कर सकें.


आरती हमेशा खड़े होकर करना चाहिए. ये ईश्वर के प्रति
सम्मान और आदर प्रकट किया जाता है.


भगवान के चरणों की ओर चार बार, नाभि की ओर दो
बार और मुख की ओर एक बार दीपक घुमाएं.


इसके बाद पूरे विग्रह के सामने आरती करें.