सम्राट अशोक बिंदुसार और
रानी धर्मा के बेटे थे
उन्होंने अपनी जिंदगी में एक भी
युद्ध नहीं हारे थे
कलिंगा की युद्ध ने उनके दिल को
हमेशा के लिए बदल दिया था
युद्ध में हुए नरसंहार ने उनको
झकझोर कर रख दिया था
जिसके बाद उन्होंने युद्ध नहीं
करने की कसम खाई
कलिंगा युद्ध के बाद उन्होंने
बौद्ध धर्म अपना लिया
उनको एक महान शासक
कहा जाता था
उनको द अशोका द ग्रेट के नाम से भी
जाना जाता है
वह एक शक्तिशाली शासक होने के बाद भी
दया का मार्ग चुने थे
हालांकि उन्होंने सिंहासन के लिए अपने ही
99 भाइयों के सिर काट दिए थे
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