UPI Charges Fact Check: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सऐप पर इन दिनों एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है. इसको लेकर ये दावा किया जा रहा है कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) पेमेंट के लिए अब अतिरिक्त चार्ज देना पड़ेगा. कई सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया कि 1 अप्रैल, 2023 से गूगल पे, फोन पे और पेटीएम सहित यूपीआई पेमेंट पर 1.1 प्रतिशत का चार्ज लगेगा. इंटरनेट पर वायरल हो रहे इस मैसेज की असली सच्चाई क्या है? इसके बारे में हम आपको पूरी जानकारी देंगे.
क्या मैसेज हो रहा वायरल?व्हाट्सऐप पर वायरल हो रहे मैसेज में लिखा है कि 1 अप्रैल से यूपीआई पेमेंट जैसे गूगल पे, फ़ोन पे, पेटीएम पर 2,000 से ऊपर के पेमेंट पर 1.1% सरचार्ज लगेगा! नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने हाल ही के एक सर्कुलर में 1 अप्रैल से शुरू होने वाले यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) पर मर्चेंट ट्रांजैक्शन पर प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (पीपीआई) फीस लागू करने की सलाह दी है. एनसीपीआई, जो यूपीआई का शासी निकाय है, ने सर्कुलर में कहा है कि 2,000 रुपये से अधिक की राशि के लिए, यूपीआई पर पीपीआई का उपयोग करने पर लेनदेन मूल्य का 1.1 प्रतिशत इंटरचेंज होगा.
इंटरचेंज शुल्क आम तौर पर कार्ड भुगतान से जुड़ा होता है और लेनदेन को स्वीकार करने, प्रसंस्करण और अधिकृत करने की लागत को कवर करने के लिए लगाया जाता है. बैंक खाते और पीपीआई वॉलेट के बीच पीयर-टू-पीयर (पी2पी) और पीयर-टू-पीयर-मर्चेंट (पी2पीएम) लेनदेन को इंटरचेंज की आवश्यकता नहीं होती है, और पीपीआई जारीकर्ता प्रेषक बैंक को वॉलेट के रूप में लगभग 15 आधार अंक का भुगतान करेगा- लोडिंग सर्विस चार्ज. इंटरचेंज की शुरुआत 0.5-1.1 प्रतिशत की सीमा में है, इंटरचेंज ईंधन के लिए 0.5 प्रतिशत, टेलीकॉम, यूटिलिटीज/पोस्ट ऑफिस, शिक्षा, कृषि के लिए 0.7 प्रतिशत, सुपरमार्केट के लिए 0.9 प्रतिशत और म्यूचुअल फंड के लिए 1 प्रतिशत है. सरकार, बीमा और रेलवे. सर्कुलर में कहा गया है कि मूल्य निर्धारण 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी होगा. एनपीसीआई 30 सितंबर, 2023 को या उससे पहले घोषित मूल्य निर्धारण की समीक्षा करेगा.
क्या हो रहा दावा?आम आदमी पार्टी के नेता नरेश बालियान ने इसको लेकर अपने वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से पोस्ट शेयर किया है. ट्वीट में उन्होंने लिखा कि 1 अप्रैल से UPI पेमेंट जैसे गूगल पे, फ़ोन पे, PayTM से पेमेंट करने पर 1.1% टैक्स लगेगा. मतलब 3 हजार का राशन खरीदा तो 32 रुपए टैक्स अलग से. याद कीजिए कैसे इन ठगो ने UPI पर अपना पीठ थपथपाया था. आखिर अब ये नया लूट किस लिए? लोग फिर लूट से बचने के लिए ऑनलाइन छोड़ कैश की तरफ भागेंगे. ऐसे ही तमाम यूजर्स ने इस मुद्दे पर अपने दावे करते हुए पोस्ट शेयर किये हैं.
क्या है सच्चाई?हमने अपनी पड़ताल में इस दावे को झूठा पाया है. दरअसल, हमने कीवर्ड्स सर्च किये तो हमने पीटीआई की एक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट ने अपनी जांच में दावा भ्रामक पाया, क्योंकि भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने कहा कि 1.1 प्रतिशत तक का इंटरचेंज शुल्क केवल मर्चेंट यूपीआई लेनदेन पर लागू होगा. इसके बाद हमें 29 मार्च की एक मीडिया रिपोर्ट प्राप्त हुई. रिपोर्ट की हेडलाइन '2,000 रुपये से अधिक के यूपीआई लेनदेन पर 1.1% शुल्क लगेगा, लेकिन ग्राहक भुगतान नहीं करेगा' थी.
इसके अलावा, एनपीसीआई ने अपने वेरिफाइड ट्विटर हैंडल के जरिए एक बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि ग्राहकों से कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा. नियम के अनुसार, पीपीआई के लिए इंटरचेंज शुल्क लागू होते हैं. इसका मतलब है कि पीपीआई जैसे वॉलेट, क्रेडिट कार्ड के जरिए किए गए यूपीआई लेनदेन पर 1.1% का इंटरचेंज शुल्क लगेगा. लेकिन, एक बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में यूपीआई लेनदेन के लिए किसी भी तरह का कोई चार्ज नहीं देना होगा. ट्वीट के में स्पष्ट करते हुए लिखा गया कि एनपीसीआई प्रेस विज्ञप्ति: यूपीआई मुफ्त, तेज, सुरक्षित और निर्बाध है. हर महीने, बैंक-खातों का उपयोग करने वाले ग्राहकों और व्यापारियों के लिए 8 बिलियन से अधिक लेनदेन नि:शुल्क संसाधित किए जाते हैं.
इस ट्वीट को कोट करते हुए पेटीएम ने भी दावे को ख़ारिज किया है.
वहीं, हमने अपनी जांच में पाया कि यूपीआई पर प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (पीपीआई वॉलेट) के माध्यम से किए गए 2,000 रुपये से अधिक के मर्चेंट लेनदेन पर 1.1 प्रतिशत तक का इंटरचेंज शुल्क लगेगा. सोशल मीडिया पर चले रहे इस पोस्ट को भ्रामक दावों के साथ शेयर किया गया है. हमारी पड़ताल में ये गलत साबित हुआ है.
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