नई दिल्ली: कोरोना संकट के दौर में देश ने ऐसी कई तस्वीरें देखी हैं जिसकी कल्पना भी नहीं की गई थी. ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर पहुंचा है जिसमें बैलगाड़ी में सिर्फ एक बैल है जबकि दूसरे बैल की जगह गाड़ी खींचने वाला इंसान है. सच्चाई के सेंसेक्स में हमने इस वायरल वीडियो की पड़ताल की है सच क्या है ये आपको भी जानना चाहिए.


दावा- बैल की जगह पति-पत्नी ने बारी-बारी से खींची बैलगाड़ी
पालयन करते किसी मजदूर की ऐसी तस्वीर पहली बार सामने आई है. बैलगाड़ी पर दो लोग बैठे हुए हैं. एक महिला है और एक लड़का. 13 सेकेंड के वीडियो में सबसे ज्यादा चौंकाता है ये है कि बैलगाड़ी को खींचने के लिए एक तरफ बैल है और दूसरी तरफ इंसान.

सड़क पर एक तरफ तेज रफ्तार भरती गाड़ियां हैं और दूसरी तरफ ये बैलगाड़ी जिसके एक-एक बढ़ते कदम में ना जाने कितना पसीना बहा जा रहा है. वायरल वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि पति-पत्नी बारी-बारी से बैलगाड़ी खींच रहे हैं. रास्ते में ही इनके एक बैल ने दमतोड़ दिया. जिसकी वजह से उनको ऐसा करना पड़ रहा है

सोशल मीडिया पर वायरल इन तस्वीरों को कोई राजस्थान का बता रहा था तो कोई मध्य प्रदेश के इंदौर का.

कांग्रेस नेता ने भी वीडियो किया है शेयर
ABP न्यूज ने सबसे पहले सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की पड़ताल शुरू की. ट्वीटर पर हमारी टीम को मध्य प्रदेश कांग्रेस नेता जीतू पटवारी का ट्वीट मिला. जीतू पटवारी ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'देशवासियों आत्मनिर्भरता के मायने क्या है. हम सब एक साथ करे आत्ममंथन. असहनीय दर्द.' जीतू पटवारी ने ये वीडियो शेयर किया था. इसलिए ABP न्यूज संवाददाता ब्रिजेश राजपूत तहकीकात के लिए जीटू पटवारी के पास पहुंचे. उन्हें वीडियो दिखाया और वीडियो के बार में सवाल किया.



कांग्रेस नेता ने कहा, "हालात ये है कि एक व्यक्ति ने खुद को बैल बनाया. आर्थिक तंगी के कारण एक बैल बेच दिया. बैल बेचने के बाद घर परिवार का कैसे पालन पोषण इस लॉकडाउन के दौर में करें तो ये परिस्थिति सामने आई. मैं मानता हूं ये भयावक दृश्य मेरे मुख्यमंत्री की भी आंखे खोलने जैसा है. एक तरफ वो कहते हैं मैं बसों की व्यवस्था कर रहा हूं. परिवहन की व्यवस्था कर रहा हूं. दूसरी तरफ पीड़ित व्यक्ति अपने आप बयान दे रहा है. देश के प्रधानमंत्री देश की सरकार और सारी सरकारें इस पर विचार करें और आत्ममंथन करें कि कितना बड़ा फेलियर है." जीतू पटवारी ने ये वीडियो मध्य प्रदेश का बताया.

आखिर क्या है सच्चाई?
ABP न्यूज की टीम ने पड़ताल आगे बढ़ाई तो एक और वीडियो मिला जिसमें बैलगाड़ी खींचने वाला व्यक्ति वीडियो बनाने वाले को बता रहा था कि वो बैलगाड़ी लेकर क्यों निकला है. एक बैल वाली बैलगाड़ी लेकर निकला शख्स कहता है कि 'गांव जा रहे हैं. साथ में मेरा भाई और भाभी है. मऊ से आ रहे हैं. अगर बस चलती तो वो बस लेकर जाता लेकिन घर पहुंचना था और ऐसा करने के अलावा कोई उपाय नहीं बचा था.'

वायरल वीडियो की तहकीकात आगे बढ़ाई तो पता चला कि ये तस्वीरें 12 मई दोपहर की हैं. राहुल नाम का युवक एक तरफ से बैलगाड़ी को हांकते हुए इंदौर बाइपास से गुजर रहा था. राहुल मध्य प्रदेश के मऊ से इंदौर में अपने घर नायता मुंडला जा रहा था. ये दूरी करीब 25 किलोमीटर है. उसका परिवार पैदल गांव जा चुका था और बचे हुए लोगों को वो इस बैलगाड़ी से लेकर निकला.

हमने राहुल से पूछा कि उसका एक बैल क्या हुआ तो पता चला. राहुल गांव-गांव घूमकर बैल खरीदने और बेचने का काम करता है लेकिन पैसों की जरूरत की वजह से उसे अपना एक बैल कम कीमत पर बेचना पड़ा. ताकि लॉकडाउन में जिंदगी का चक्का चलता रहे. राहुल एक बैल वाली बैलगाड़ी को लेकर अपने घर पहुंच चुका है.

ABP न्यूज की पड़ताल में युवक के लॉकडाउन में बैल के साथ बैलगाड़ी खींचने का वीडियो तो सच्चा है. लेकिन बैल मर जाने का दावा झूठा है. युवक ने पैसे की जरूरत के लिए बैल बेच दिया था.

यहां देखें वीडियो...

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