इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग ने फलस्तीन और इजरायल में जो आतंक मचाया है, उसका अंदाजा तस्वीरों और वीडियोज से लगाया जा सकता है. सोशल मीडिया पर युद्धग्रस्त देशों के हालात को बयां करने वाले तस्वीरें हर दिन नई जानकारियों के साथ देखने को मिल रही हैं. इस बीच इजरायल और फलस्तीन के बीच युद्ध से जुड़े कई दावे भी किए जा रहे हैं. ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि इन दावों की सच्चाई क्या है.
इजरायल और हमास युद्ध को लेकर एक और दावा भी काफी वायरल हो रहा है, जिसमें 2008 से 2020 के बीच हुई जंगों में फलस्तीन के कितने लोगों की मौत हुई है, इसकी जानकारी दी गई है. वायरल दावे में साल 2008 से 2020 तक हर साल मौतों की संख्या में इजाफा दिखाया गया है.
क्या है वायरल दावा?वायरल दावे में सबसे ज्यादा मौतें साल 2009, 2014, 2015, 2017, 2018 और 2019 में दिखाई गई हैं और यह आंकड़ा दिखाता है कि 12 सालों में मौतों की संख्या 1,659 से 31,588 तक पहुंच गई. ये आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं, ऐसे में इन दावों की सच्चाई जानना बहुत जरूरी बन जाता है. नीचे देखें वायरल पोस्ट में क्या है-
क्या कहती है संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट?वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने कुछ कीवर्ड्स के साथ गूगल सर्च किया तो हमें संयुक्त राष्ट्र का डेटा मिला. संयुक्त राष्ट्र का कोऑर्डिनेशन ऑफ ह्यूमेनिटेरियन अफेयर्स (OCHA) इजरायल और फलस्तीन के बीच गतिरोध में मरने वालों का डेटा इकट्ठा करता है. OCHA के डेटा और वायरल दावे में जो आंकड़े पेश किए गए हैं, उनमें काफी ज्यादा अंतर है. 2008 से अब तक इजरायल-फलस्तीन युद्ध में फलस्तीन में मरने वालों को लेकर OCHA का डेटा नीचे दिया गया है-
इजरायल और फलस्तीन की लड़ाईयों में दोनों देशों में मरने वालों और घायलों का OCHA ने अलग-अलग डेटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है. OCHA के डेटा से पता चलता है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दावे में डेटा को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है.
यह भी पढ़ें:-What is Hamas: पोलित ब्यूरो, शूरा, सरकार और ब्रिगेड, जानें इजरायल से लड़ रहे हमास का पूरा स्ट्रक्चर