Charcha With Chitra: चित्रा त्रिपाठी के साथ Prashant Kishor का धमाकेदार Interview | Bihar Election
एबीपी न्यूज़ डेस्क | 12 Jul 2025 11:58 PM (IST)
पटना में एबीपी न्यूज़ पर प्रशांत किशोर ने बिहार चुनाव को लेकर अपनी रणनीति और जन सुराज की तैयारियों पर बात की. उन्होंने कहा कि 2014 से 2021 तक चाणक्य की भूमिका निभाने के बाद अब वे पाटलिपुत्र के चंद्रगुप्त बनना चाहते हैं. प्रशांत किशोर ने दावा किया कि नवंबर में बिहार से अप्रत्याशित नतीजे आएंगे और एक बड़े राजनीतिक परिवर्तन की शुरुआत होगी. उन्होंने लालू और नीतीश कुमार के 1990 से चले आ रहे शासन पर सवाल उठाए. प्रशांत किशोर ने कहा कि 2005 में जब भाजपा और नीतीश की सरकार बनी, तब बिहार देश का सबसे गरीब, पिछड़ा, निरक्षर और बेरोजगारी-पलायन वाला राज्य था, और 2025 में भी स्थिति वही है. उन्होंने स्कूल के बस्ते को अपना चुनाव चिन्ह बताते हुए कहा कि बिहार का गौरव ज्ञान की वजह से रहा है और जन सुराज शिक्षा के माध्यम से बिहार को सुधारना चाहता है. तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वे 'कलम वाले नेता नहीं, कट्टा वाले नेता' हैं और उनके परिवार पर फर्जी डिग्री का आरोप लगाया. प्रशांत किशोर ने कहा कि 'ये लोग लक्ष्मी के पूजा करने वाले लोग हैं, सरस्वती से इनका कोई लेना देना नहीं है.' वोट कटुआ पार्टी के आरोप पर उन्होंने कहा, 'हम दोनों वोट को दोनों का वोट इतना काटेंगे की हम ही लोग जीत कर आएँगे.' उन्होंने स्पष्ट किया कि वे मुख्यमंत्री बनने या पैसा कमाने के लिए बिहार नहीं आए हैं, बल्कि इस मिट्टी में जन्म लेने के कारण बिहार को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं. प्रशांत किशोर ने कहा है कि उनकी जन सुराज पार्टी बिहार में आगामी चुनाव में केवल वोट काटने के लिए नहीं, बल्कि जीत हासिल करने के लिए मैदान में उतरेगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि जन सुराज बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि जन सुराज या तो अर्श पे रहेगा या फर्श पे रहेगा. उन्होंने मुख्यमंत्री बनने की अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा से इनकार किया और बताया कि उनका मुख्य उद्देश्य बिहार की व्यवस्था में सुधार लाना है. प्रशांत किशोर ने दावा किया कि उनके वीडियो को एक दिन में लगभग 9 करोड़ लोग देखते हैं, जो इस बात का संकेत है कि बिहार के लोग एक नए और सशक्त राजनीतिक विकल्प की तलाश में हैं. उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा मतदाता प्रमाण पत्र मांगे जाने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए और इसमें अधिक पारदर्शिता लाने की मांग की. प्रशांत किशोर ने सत्तारूढ़ दल की मदद करने के आरोप लगाए और कहा कि मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया सार्वजनिक होनी चाहिए. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के बिहार के नेताओं की आलोचना की और उन्हें अवसरवादी बताया. प्रशांत किशोर ने यह भी दावा किया कि जन सुराज के पास वर्तमान में 1.25 करोड़ से अधिक सदस्य हैं, जो बिहार में किसी भी अन्य राजनीतिक दल की आधिकारिक सदस्यता संख्या से अधिक है. उन्होंने बिहार में औद्योगिक विकास की कमी पर भी चिंता व्यक्त की और मोतिहारी में एक चीनी मिल का उदाहरण दिया जिसकी जमीन बेच दी गई. उन्होंने बताया कि वे बिहार में बिना किसी सुरक्षा के यात्रा करते हैं और उन्हें किसी भी समुदाय के गांवों में विरोध का सामना नहीं करना पड़ा है.