Kargil War: पाक साजिश, PM Vajpayee का बयान और अपनी सरजमीं को वापस लेने की कहानी
एबीपी न्यूज़ डेस्क | 27 Jul 2025 12:26 AM (IST)
ऑपरेशन विजय की वर्षगाँठ पर, साल 1999 के करगिल युद्ध को याद किया जा रहा है। उस समय देश के सामने युद्ध जैसी परिस्थिति उत्पन्न हो गई थी, जब पाकिस्तान से सशस्त्र घुसपैठिए करगिल और आसपास के क्षेत्र में आ गए थे। प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस घुसपैठ का जिक्र किया था, जो आगे चलकर भारत-पाकिस्तान के बीच चौथी लड़ाई बनी। यह लड़ाई मई 1999 से जुलाई 1999 के बीच लड़ी गई। पाकिस्तानी सेना ने उन चौकियों पर कब्जा किया था जिन्हें भारतीय सेना सर्दियों में खाली कर देती थी। ऑपरेशन बद्र का लक्ष्य लद्दाख पर पाकिस्तानी कब्जा था। पाकिस्तानी षड़यंत्रकारी सोच रहे थे कि भारत अगर जंग को बढ़ाएगा तो कश्मीर विवाद का अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बनेगा। करगिल लड़ाई के दौरान पाकिस्तानी एयर फोर्स के डाइरेक्टर ऑफ ऑपरेशन रहे कैसर तू फैलने अपनी किताब में 16 मई की एक मीटिंग का जिक्र किया है। इसी मीटिंग में लियूटेनन्ट जनरल महमूद अहमद ने कहा था, "अक्टूबर महीना आने दीजिए। हम लोग सियाचिन में ठंड और भूख से मरने वाले सैकड़ों भारतीय सैनिकों की लाशें इकट्ठी कर रहे होंगे।" भारतीय सेना ने इस साजिश का जवाब दिया और अपनी सरजमीं की हिफाजत की।