घर-मंदिर डूबे, जानवर बहे, बाढ़-बारिश ने ऐसे मचाई तबाही
उत्तर भारत के कई इलाके मानसून के सितम से बेहाल हैं। दिल्ली में भले ही बारिश न हो रही हो, लेकिन हिमाचल और राजस्थान से भयावह तस्वीरें सामने आ रही हैं। पहाड़ों पर भूस्खलन हो रहा है, जबकि मैदानी इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। राजस्थान के सिरोही में आधा दर्जन भैंसें नदी के तेज बहाव में बह गईं। अजमेर में सड़कें सैलाब में बदल गईं और फ्लाइओवर के नीचे तालाब बन गए। धौलपुर में पार्वती नदी उफान पर है, जहां लोग देसी जुगाड़ से जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे हैं, जिसमें स्कूली बच्चे भी शामिल हैं। भीलवाड़ा में एक बुजुर्ग पुल पार करते समय पानी के तेज बहाव में बह गया, जिसके बचाव कार्य में टीम जुटी है। जालौर में भी एक चालक अपनी कार समेत नदी पार करते हुए मुश्किल से बचा। भीलवाड़ा के शिव मंदिर में पानी घुस गया और शिवलिंग ने जल समाधि ले ली। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में भी समंदर जैसे हालात हैं। राजस्थान के साथ ही मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ में भी बाढ़-बारिश से हालात मुश्किल हैं। हिमाचल के मंडी में बादल फटने के बाद भारी तबाही हुई, जहां मलबे में दबी एक गाय चार दिन बाद भी जिंदा मिली। एसडीआरएफ की टीम ने मंडी में एक गर्भवती महिला को चारपाई पर उठाकर अस्पताल पहुंचाया। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में घरों में पानी घुस गया और भूस्खलन हुआ, जबकि जम्मू-कश्मीर के बड़गाम में सड़कें नदियों में तब्दील हो गईं। हर साल औसतन 75 लाख हेक्टेयर भूमि, 4 करोड़ लोग और 6 लाख मवेशी प्रभावित होते हैं, जबकि 1700 लोग मारे जाते हैं और 6000 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान होता है। मौसम विभाग ने मध्य भारत और पश्चिमी तट पर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है और पूरे हफ्ते देश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश का अनुमान है।