Chhangur Baba Case: धर्मांतरण का 'साम्राज्य' और 100 करोड़ की संपत्ति का राज़!
एबीपी न्यूज़ डेस्क | 12 Jul 2025 01:14 PM (IST)
ए टी एस धर्मांतरण के आरोपी छंगुर से लगातार दो दिन से पूछताछ कर रही है। जांच एजेंसी उसके 15 साल से जारी मज़हबी धंधे का राज़ पता लगाने में जुटी है। उसके साम्राज्य के बारे में पता लगाने के लिए करीबियों पर भी शिकंजा कसा गया है। पिछले दो दिन की पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। छंगुर बाबा खुद के लिखे इस्लामिक लिटरेचर का इस्तेमाल कर हिंदू लड़के-लड़कियों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करता था। छंगुर बाबा की किताबों में दूसरे धर्मों की कमियां लिखी हैं और सिर्फ इस्लाम की बड़ाई की गई है। छंगुर बाबा पर आरोप है कि वह दूसरे धर्मों के बारे में भ्रम पैदा करता था और इसी का लाभ उठाकर धर्मांतरण कराता था। सूत्रों के मुताबिक जांच में यह भी सामने आया है कि अब तक तीन से चार हज़ार हिंदुओं को धर्मांतरण के लिए टारगेट किया गया था, जिनमें से कुछ कॉनवर्ट भी हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि छंगुर बाबा के टारगेट पर 10,000 हिंदू महिलाएं भी थीं। उनमें से कितनी महिलाओं का धर्म परिवर्तन हुआ है, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है। भले ही बुलडोजर से छंगुर बाबा का सफेद महल जमींदोज कर दिया गया, लेकिन छंगुर बाबा की संपत्ति का जाल बलरामपुर से पुणे तक फैला हुआ था। छंगुर की पुणे में करोड़ों की संपत्ति है। लोनावला में 16 करोड़ की संपत्ति खरीदी थी। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि छंगुर बाबा के साम्राज्य को फैलाने में कभी मुख्तार अंसारी ने भी साथ दिया था, लेकिन एटीएस जांच की बात कह रही है। एक अधिकारी ने कहा, "जब सारी जानकारियां इकट्ठी हो जाएंगी, तभी तभी मैं इस पर कोई स्टेटमेंट दे पाऊंगा।" वहीं, एटीएस 100 करोड़ की संपत्ति के दस्तावेज इकट्ठा करने में जुटी है। इस जांच के बीच धमकी देने की बात भी सामने आई है। छंगुर के खिलाफ धर्मांतरण के मामले उठाने वाले को जान से मारने की धमकी मिली है। छंगुर गैंग के निशाने पर प्रदर्शन करने वाले हिंदू संगठन भी हैं। यूपी एटीएस छंगुर बाबा को लेकर बलरामपुर में गिराई गई उसकी आलीशान कोठी में पहुंची। छंगुर जब गाड़ी से उतरा तो ध्वस्त कोठी को देखकर भावुक हो गया। वह कमांडो और पुलिस जवानों की सुरक्षा में था, इसलिए कुछ कह नहीं पाया। करीब 40 मिनट तक छंगुर और एटीएस के अफसर कोठी के अंदर रहे। सूत्रों के मुताबिक एटीएस ने कोठी का निरीक्षण किया। इस दौरान छंगुर से कोठी से जुड़े सवाल पूछे गए। इस दौरान प्रशासन ने मीडिया की एंट्री पर रोक लगा रखी थी। कोठी से निकलने के बाद एटीएस की टीम वहां से रवाना हो गई। उतरौला से बलरामपुर होते हुए एटीएस की टीम छंगुर बाबा को लेकर लखनऊ पहुंच गई।